भूविस्थापितों के अधिकारों का SECL कर रही है दमन:- कुलदीप सिंह राठौर (सांसद प्रतिनिधि)

रोजगार के मामले को लेकर महिलाये हैं आंदोलनरत, शासन कर रहा भूविस्थापितों को अनदेखा
कुसमुंडा//कोरबा:-
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत प्रभावित ग्रामों के ग्रामीण महिलाओं ने लगातार रोजगार के मामले को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं और एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी सहित शासन प्रशासन के अधिकारियों से रोजगार का निराकरण के लिए मांग कर रहे हैं ग्रामीण महिलाओं के द्वारा लगातार पत्राचार और आंदोलन के माध्यम से शासन प्रशासन को अवगत कराते आ रहे हैं परंतु एसईसीएल और पुलिस प्रशासन के बीच ऐसा क्या साठ-गाठ है जिसके कारण आंदोलन करने वाली महिलाओं के अधिकारों को दमन करने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर थाने में कराई जाती है समझ से परे हैं सवाल गंभीर है?
कुलदीप सिंह राठौर सांसद प्रतिनिधि ने जारी प्रेस बयान में कहा कि कुसमुंडा खदान क्षेत्र प्रभावित गांव खोडरी के महिलाओं के ऊपर फिर से FIR किया गया है जो सर्वथा अनुचित और निंदनीय है ज्ञात हो कि एसईसीएल के द्वारा ग्रामीणों को ना ही उचित मुआवजा बसाहट रोजगार वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था की गई है जबरन उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है पूर्व में भी माननीय सांसद महोदया श्रीमती ज्योत्स्ना चरण दास महंत के द्वार CMD को पत्र प्रेषित किया गया था कि इस प्रकार की कार्यवाही भूविस्थापितों के खिलाफ नहीं होनी चाहिए राठौर ने आगे कहा कि पुनः इस प्रकार की घटना हुई है ऐसा लगता है कि secl प्रबंधन और प्रशासन की मिलीभगत से साम दाम दंड भेद की नीति अपनाते हुए एकमात्र उद्देश्य रह गया है जमीन खाली करो गांव खाली करो इसका हम विरोध करते हैं राठौर ने यह भी कहा कि पूरे देश में लोगों को अपने मूल अधिकारों से वंचित किया जा रहा है अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है आज देश की में जो हालात है वह किसी से छुपी हुई नहीं है हमें अपने अधिकारों के लिए सजग रहना पड़ेगा लड़ाई लड़ना पड़ेगा हम जनता के मूल अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे अधिकार की लड़ाई में महिलाओं के साथ एसईसीएल प्रबंधन और प्रशासन जैसे रवैया अपना रही है बिल्कुल गलत है बल्कि भूविस्थापित महिलाओं के विश्वास व भरोसा लेकर उनकी समस्याओं का निराकरण करने की जरूरत है ऐसी घटनाओं को हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और इसका आने वाले समय में घोर विरोध किया जाएगा ।