घरघोडा

13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को घरघोड़ा न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा।

अपर जिला एवं सत्र न्यायालय घर घोड़ा जिला रायगढ़ के विद्वान न्यायाधीश श्रीमान अच्छेलाल काछी ने आरोपी दिनेश कुमार राठिया को पाक्सो एक्ट के मामले में सिद्ध दोष पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

उक्त मामले की संक्षिप्त जानकारी देते हुए घरघोड़ा न्यायालय के अपर लोक अभियोजक श्री राजेश सिंह ठाकुर

ने बताया कि थाना घरघोड़ा के अपराध क्रमांक 65/2019 के अनुसार घटना दिनांक 31/ 3 /2019 की है पीड़ित पक्ष के रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक को पीड़ित अपने घर में सोई थी तभी अभियुक्त पीड़ित के घर का दरवाजा धकेल कर अंदर घुस गया और जाकर पीड़ित के मुंह को दबाकर जबरन उठा कर अपने साथ ले गया। अभियुक्त का एक सहयोगी योजना के अनुसार मोटरसाइकिल लेकर गांव के बाहर इन्तज़ार कर रहा था। दोनों अभियुक्त ने मिलकर पीड़ित को गाड़ी के बीच में बिठाया और गांव से 80 किलोमीटर दूर स्थित एक ढाबा में ले गये जहां से उसका सहयोगी वापस घर आ गया। ढाबा में अभियुक्त ने पीड़िता को रोके रखा और पीड़ित को शादी का झांसा देकर उसके अस्मत पर दाग लगाते हुए पीड़िता के साथ जबरन शारीरिक संबंध स्थापित किया।
सुबह पीड़ित को घर में ना पाकर
उसके माता-पिता उसे ढूंढते हुए पता लगाते उक्त ढाबा तक पहुंचे जहां अभियुक्त ने पीड़िता को रोक रखा था अपने माता-पिता को देख पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई। तथा पीड़ित के सूचना पर दिनांक 3/ 4 /2019 को थाना घर घोड़ा में अभियुक्त के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक अभिनव कान्त सिंह ने प्रकरण जांच में लेकर विवेचना प्रारंभ की विवेचना उपरांत अभियुक्त दिनेश कुमार राठिया एवं उसके सहयोगी अभियुक्त मनोज कुमार के विरुद्ध धारा 363 366 एवं 376 भारतीय दंड संहिता तथा पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत चालान तैयार कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
अभियुक्त गण के विरुद्ध अपर जिला एवं सत्र न्यायालय घरघोड़ा में मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायालय

ने पीड़ित पक्ष के सभी साक्षियों का परीक्षण प्रति परीक्षण तथा दोनों पक्ष के तर्क सुनने के बाद अभियुक्त दिनेश राठिया को धारा 363,3 66 ,376, भारतीय दण्ड संहिता तथा ऑक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित करने का दंडादेश दिया है ।उल्लेखनीय है कि आजीवन कारावास का अभिप्राय अभियुक्त के शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए अर्थात अंतिम सांस तक की सजा है । तथा एक हजार रुपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया है।
विद्वान न्यायालय ने अभियुक्त के सहयोगी मनोज कुमार को 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थ दंड से दंडित किए जाने का दंडादेश सुनाया है,मामले में राज्य की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा था।

Pingal Baghel

मेरा नाम Pingal Baghel है, मैं IND36 NEWS का संपादक और संस्थापक हूँ!

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