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20 साल बाद: उम्मीद, तनाव और नेतृत्व का ऐतिहासिक दिन — 25/04/25 को दिल्ली में हिंद खदान मजदूर फेडरेशन HKMF ( HMS )का महासम्मेलन संपन्न

दिल्ली//कोरबा:-
25 अप्रैल 2025 — एक ऐसा दिन जिसे हिंद खदान मजदूर महासंघ (HKMF) के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
लगभग दो दशकों के लंबे अंतराल के बाद, दिल्ली के ‘एवान-ए-ग़ालिब ऑडिटोरियम’ में महासंघ का त्रैवार्षिक अधिवेशन आयोजित हुआ।

पिछले 20 वर्षों से श्री नथू लाल पांडेय जी ने HKMF का नेतृत्व किया था। लेकिन कुछ दिन पहले, एक नाटकीय मोड़ आया जब सभी महासचिवों ने सर्वसम्मति से श्री हरभजन सिंह सिद्धू जी से अनुरोध किया कि वे महासंघ के नए महासचिव का पद संभालें।
28 अन्य फेडरेशनों की जिम्मेदारी के बावजूद, जब सभी साथियों ने भावुक अपील की, तब जाकर सिद्धू साहब ने सहमति दी।

लेकिन असली तूफान अभी बाकी था।

सुबह 8 बजे से ही प्रतिनिधि ऑडिटोरियम पहुंचने लगे थे। नाश्ते में ढोकला, ब्रेड पकोड़ा और चाय की खुशबू हर जगह फैल रही थी — लेकिन इन सबके बीच माहौल में एक गहरा तनाव महसूस हो रहा था।

10 बजे तक सभागार खचाखच भर चुका था।
नारे गूंज रहे थे —
“अशोक पांडेय जिंदाबाद!”
“रणविजय सिंह जिंदाबाद!”
“शिवकांत पांडेय जिंदाबाद!”

लेकिन तीन नारों ने सबसे ज़्यादा गूंज पैदा की —

  1. “सिद्धार्थ भैया जिंदाबाद!”
  2. “शिव भैया जिंदाबाद!”
  3. “नाथू लाल पांडेय जिंदाबाद!”

स्पष्ट था — नए अध्यक्ष का चयन आसान नहीं होगा।

दो गुट साफ दिखाई दे रहे थे — एक श्री नथू लाल पांडेय का समर्थक गुट और दूसरा शिव कुमार यादव एवं सिद्धार्थ गौतम के नेतृत्व में युवा गुट।
यह एक पीढ़ीगत टकराव था — विरासत बनाम बदलाव की लड़ाई।

लेकिन एक बात पर सभी एकमत थे — श्री हरभजन सिंह सिद्धू के प्रति अटूट विश्वास।
70 वर्ष की आयु में भी उनका व्यक्तित्व समुद्र की तरह शांत और शक्ति से भरा हुआ है। उनकी आवाज़ में ऐसा जादू है कि वह चाहे तो भीड़ को जोश से भर सकते हैं या गहरी शांति फैला सकते हैं।

कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन हुआ। श्री नथू लाल पांडेय ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया — जिनमें अध्यक्ष श्री राजा श्रीधर, श्रीमती चंपा वर्मा और मुख्य अतिथि ITUC के नेता श्री योशिदा शामिल थे।

इसके बाद भाषणों का सिलसिला शुरू हुआ —

सिद्धू साहब ने उद्घाटन भाषण दिया, जो दिशा निर्धारित करता सा लगा।

सिद्धार्थ गौतम और शिवकांत पांडेय ने शांत और सौम्य स्वर में अपने विचार रखे।

वहीं शिव कुमार यादव ने आक्रामक तेवर में कोयला मजदूरों की दुर्दशा और HMS की भूमिका पर जोरदार आवाज़ उठाई।

ITUC एशिया पैसिफिक के श्री पासा ने अपनी बुलंद आवाज़ और शायरियों से समां बांध दिया।

श्रीमती चंपा वर्मा का भाषण भी श्रोताओं के दिलों को छू गया।

माहौल भावनाओं से भरा हुआ था।
विनय सिंह जी ने कहा की 20 सालों से 3 वर्षीय सम्मेलन क्यों नहीं हुआ है इसका जिम्मेदार कौन है हम लोग मंच में बैठे लोग हैं या आप लोग हैं उनके उद्बोधन में काफी नाराजगी दीखाई दे रहा था ।
फिर आया वो क्षण जिसने पूरी सभा का माहौल बदल दिया।

जब श्री नथू लाल पांडेय ने बोलना शुरू किया, तो सभागार में एक अजीब सा तनाव फैल गया। ये है एक यूनियन के प्रेसिडेंट nathulal pandeji. 25/4/2025 को दिल्ली adhiveshan मे ये भाषण देते हुए सम्मेलन मे आये कामगरो को get out, idiots, बदतमीज, चुप रहो बोलके धमकाते रहे। नौबत मारापीती की आ गयी थी। इन्होंने अपने भाषण मे बताया की bccl मे वर्कर ज्यदा है कोयला उत्पादन कम। और बताए की इससे पहले सारे पोस्ट इनके पास ही रहे 20 सालों में।
अब बताइये एक इंसान और सारे पोस्ट अकेले ही। 20 साल तक इन्होंने बिना कोषाध्याछ के यूनियन के ये मालिक बने रहे। कोष का कोई हिसाब नही। 76 साल होने के बाद भी पद का mohmaya tyagne को तैयार नही। युवा पीढ़ी अब Sidharth gautam, shivkumar Yadav के तरफ देख रही। सम्मेलन मे nathulal pandeji ने पूरी कोसीस किया की माहोल खराब हो और chunaw कैंसिल हो जाए। पर ये नही हुवा। harbhajan singh ji जनरल secretary चुन लिए गये। अब सारे पॉवर उनको दिये गए है नये बॉडी बनाने का।
फोटो dekhiye उनकी सोते हुए और वो कहते है की वे 18 घंटे रोज कामगरो ko समय देते है। वो कहते है की वो कामगरो की टट्टी साफ करके आज नेता बने हैं।
सोचिए 20 साल तक प्रेसिडेंट, किसी और को कोई पॉवर नही, कोष का कोई हिसाब नही और 76 साल के होने के बाद भी प्रेसिडेंट, apex jcc कमेटी मेंबर बने रहना चाहते।


कामगरो की सेवा का लालच या कोष का लालच
फुसफुसाहटें शोर में बदलने लगीं, और फिर चंद पलों में नारेबाज़ी और छींटाकशी शुरू हो गई ।
श्रीमती चंपा वर्मा स्वयं भीड़ के बीच जाकर स्थिति संभालने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन अब देर हो चुकी थी।

हॉल में जैसे ज्वालामुखी फूट पड़ा हो।

लेकिन तभी एक शांत और सशक्त आवाज़ गूंजी — सिद्धू साहब की।
कुछ ही मिनटों में उन्होंने स्थिति को संभाल लिया।
सभा में पुनः शांति लौट आई।
श्री नथू लाल पांडेय ने अपने भाषण का समापन कृतज्ञता के साथ किया।

लेकिन सवाल अब भी हवा में थे —
नया अध्यक्ष कौन बनेगा?
क्या युवा नेतृत्व को मौका मिलेगा?
और सिद्धू साहब कैसे नई समिति का गठन करेंगे?

पूरे हिंद खदान मजदूर महासंघ की निगाहें अब एक ही व्यक्ति पर टिकी हैं — श्री हरभजन सिंह सिद्धू।

शाम को Coal Indians ने शिव कुमार यादव से विशेष बातचीत की।
उनके शब्दों में संगठन का विश्वास झलक रहा था:
“हमें श्री हरभजन सिंह सिद्धू पर पूरा भरोसा है। उनका फैसला ही अंतिम होगा और हम सब एकजुट होकर उनके साथ हैं।”

अब देखना होगा कि नाथूलाल पांडे जी खुद से अपना पद छोड़ते हैं या उनको पदमुक्त किया जाता हैं ।

Pingal Baghel

मेरा नाम Pingal Baghel है, मैं IND36 NEWS का संपादक और संस्थापक हूँ!

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