सिरकीखुर्द की तस्वीर बदलने चुनावी मैदान में उतरे प्रकाश

कोयला खदान की गर्त में खो चुके गांव में खुशहाली लाने के प्रयास में संघर्ष कर रहे युवातुर्क पर एक नजर
सिरकीखुर्द//कोरबा:-
कोरबा जिले का आदिवासी बाहुल्य सिरकीखुर्द एक ऐसा गांव जो कभी अपनी हरियाली, स्वच्छता और शांत वातावरण से परिपूर्ण था, लेकिन आज प्रदूषण व बेरोजगारी ग्रसित हो चुका है बीस साल पहले SECL की कोयला खदान ने जब यहां कदम रखा, तो उसने विकास और मूलभूत सुविधाओं के वादे किए गए थे ,लेकिन आज गांव की उपजाऊ जमीन और घने जंगलों की जगह धूल और धुएं ने ले ली है SECL के नौकरी और मुआवजे के वादे खोखले साबित हुए लंबे समय से गांव की चुप्पी का कंपनी ने अच्छा फायदा उठाया इस चुप्पी के कारण गांव गर्त की तरफ़ जाने लगी गांव के लोग अपने अधिकारों के हनन को अपनी नियति मानकर चुपचाप सहते रहे ।
लेकिन अंधेरे के इस दौर में, प्रकाश कोर्राम एक उम्मीद बनकर उभरे वह सिर्फ नाम से ही प्रकाश नहीं हैं, बल्कि गांव के हर घर के लिए एक उजाले की किरण हैं उनकी जमीन भी कंपनी ने अधिग्रहित कर ली थी, कई प्रयासों के बावजूद नौकरी रोजगार मिल नहीं रहा है, लेकिन उन्होंने इसे, अपनी किस्मत मानने से इंकार कर दिया जब तक नौकरी के वादे पूरे नहीं होते उसका संघर्ष चलता रहा अन्य भूविस्थापितों के साथ मिलकर आंदोलन चालू किया वह भूविस्थापितों की आवाज बनाकर उभरे अब उनका यह संघर्ष व्यक्तिगत नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे सामूहिक बन गया ।

प्रकाश कोर्राम ने लोगों को यह एहसास दिलाया कि उनकी आवाज़ मायने रखती है उन्होंने भू-विस्थापितों बेरोजगार युवाओं को संगठित किया,और संगठन को ताकत बनाया आज सिरकीखुर्द का हर युवा न केवल अपने अधिकारों के प्रति सजग है, बल्कि उनके अंदर अपने गांव को बेहतर बनाने का जुनून भी है ।
प्रकाश कोर्राम की नेतृत्व क्षमता का अंदाज़ा उनके सामाजिक योगदान से लगाया जा सकता है वे सर्वआदिवासी समाज युवा प्रभाग, कोरबा के महासचिव रह चुके हैं और वर्तमान में इसी में कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में सेवा दे रहे हैं उन्होंने आदिवासी समाज को एकजुट करने के लिए हमेशा कदम उठाए हैं उनकी दूरदृष्टि और समर्पण ने समाज के हर वर्ग को एक मंच पर लाने का काम किया है इसके अलावा, वे गोंडवाना महासभा, केंद्र तिवरता सर्किल युवा प्रभाग चैनपुर के महासचिव के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं ।
आज जब गांव के सरपंच पद के लिए उम्मीदवारों की बात आती है, तो प्रकाश कोर्राम से बेहतर विकल्प कोई नज़र नहीं आता आज सिरकीखुर्द में जो नई ऊर्जा और जागरूकता दिखाई देती है, वह प्रकाश कोर्राम के प्रयासों का ही परिणाम है उनकी संघर्षशीलता, नेतृत्व क्षमता और आदिवासी समाज के लिए उनका समर्पण उन्हें सरपंच पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है उन्होंने जो किया है, वह सिर्फ इतिहास नहीं है, बल्कि भविष्य की नींव है प्रकाश कोर्राम ने अब तक गांव के पंचायत प्रतिनिधियों की निष्क्रियता की वजह से इस बार खुद कमान अपने हाथों में लेने का निश्चय कर सरपंच पद की उम्मीदवारी कर रहे हैं और आमजनों में उनकी व्यतित्व और समाजसेवा के प्रति समर्पण को देखते हुये उत्साह के साथ अपना मुखिया बनाने के लिए एकजुट हैं आशा है गांव की तस्वीर और तकदीर को बदलने के उनके संकल्प को मतदाताओं का आशीर्वाद मिलेगा ।