घरघोडा

घरघोड़ा नगर पंचायत का भ्रष्टाचार उजागर: पुरानी सड़क पर बनाई गई नई सड़क, अधिकारी बोले – “पार्षद से बात करो!”

घरघोड़ा। नगर पंचायत घरघोड़ा एक बार फिर से भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सुर्खियों में है। इस बार का मामला बेहद चौंकाने वाला है — यहां पहले से बनी मजबूत सीसी सड़क पर ही फिर से सड़क बना दी गई! और वो भी बालू और सीमेंट से, बिना गिट्टी के!

वार्ड क्रमांक 5 के अंतर्गत राजू साहू के घर से बाबूलाल साहू के घर तक 6.4 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत सीसी रोड निर्माण कार्य नगर पंचायत ठेकेदार दीप्ति मिश्रा द्वारा किया गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह सड़क पहले से ही मौजूद थी। ठेकेदार ने अपनी सुविधा और स्वार्थ पूर्ति के लिए उसी सीसी रोड के ऊपर गुणवत्ता विहीन सामग्री डालकर नई सड़क बना दी।

जब स्थानीय नागरिकों ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत की तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) सुश्री दीपिका भगत ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा, “शिकायत है तो पार्षद से मिलिए।” यही नहीं, शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि पार्षद खुद मौके पर खड़े होकर घटिया सड़क निर्माण का समर्थन कर रहे थे, तब भी सीएमओ ने मामले से पल्ला झाड़ लिया और मौके से चली गईं।

पार्षद अनिल लकड़ा से जब पूछा गया कि सड़क इस तरह क्यों बनाई जा रही है तो उन्होंने सफाई दी कि “गिट्टी खत्म हो गई थी इसलिए मजबूरी में ऐसे करना पड़ा, सुधार कर दूंगा।” लेकिन हकीकत यह है कि सुधार के नाम पर लीपापोती कर दी गई और शिकायतकर्ता पर समझौते का दबाव बनाया जाने लगा।

नगर पंचायत इंजीनियर से जब इस संबंध में पूछा गया कि तीन दिन से चल रहे काम की निगरानी क्यों नहीं की गई, तो उनका जवाब था, “मुझे पता है काम चल रहा है, मैं आज आ रहा हूं।” और इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।

यह पूरा घटनाक्रम नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। एक ओर लाखों रुपये की लागत से बेवजह नई सड़क बनाई जा रही है, जबकि पुराने सड़क की कोई आवश्यकता नहीं थी। दूसरी ओर, जिम्मेदार अधिकारी, इंजीनियर और पार्षद जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं इस पूरे मामले से यह साफ है कि नगर पंचायत घरघोड़ा

में जनप्रतिनिधि और अधिकारी जवाबदेही से कोसों दूर हैं। जब पार्षद खुद ठेकेदार के बचाव में खड़े हों और अधिकारी “पार्षद से शिकायत करो” कहकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लें, तो सवाल यह उठता है कि आम जनता अपनी शिकायत लेकर आखिर जाए तो जाए कहां?

अब देखना यह होगा कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या फिर मामला दबा दिया जाएगा, जैसा अक्सर होता आया है।

Pingal Baghel

मेरा नाम Pingal Baghel है, मैं IND36 NEWS का संपादक और संस्थापक हूँ!

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