ए.आई.आई.टी. कालेज, घरघोड़ा एवं तमनार मे 76 वीं गणतंत्र दिवस बड़े ही ओजस्वीता के साथ मनाया गया

इस अवसर पर AiiT तमनार मे श्री मुकेश साव (आरएसएस के जिला कार्यवाह) एवं “ए.आई.आई.टी. कालेज” घरघोड़ा मे श्रीमती सुशीला ठाकुर जी, जो की वरिष्ठ समाज सेविका हैं, ने ध्वजारोहण किया, इस अवसर पर संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ आर. एस.यादव सर ने अपने उद्बोधन मे कहा कि…आज हम 76 वीं गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, हमारे देश को एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुए 75 साल पूरे हो गए। इन 75 सालों में हमारे देश ने एक पिछड़े राष्ट्र से एक विकासशील राष्ट्र तक का सफर तय किया है और वह दिन भी दूर नही जब हमारा देश भी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन जैसे विकसित देशों में गिने जाएंगे। इस सफलता में आप जैसे कार्यशील युवाओं की ही अभूतपूर्व योगदान है। आप हमारे देश की नींव की वह पत्थर है तो देश रूपी इमारत को ऊँचाई तक ले जाने का काम कर रहे है।

आज इस शुभ अवसर पर आप सभी से यही विनती है की आप सभी अपनी मौलिक कर्तव्यों का पालन करते हुए हर कार्य राष्ट्र प्रथम के भाव से देश के विकास में अपना सहयोग दें। और अपने लिए किसी ऐसी लक्ष्य और सफलता को सुनिश्चित करें जो आपके साथ साथ आपके परिवार, समाज,और उससे ऊपर देश की विकास को गति दे। क्योंकि आपके विकास में ही देश की विकास निहित हैं।

“ए.आई.आई.टी. कॉलेज” केवल एक शिक्षण संस्थान मात्र ही नहीं है बल्कि एक गुरुकुल है व एक ऐसा परिवार है जहाँ प्रवेश तो मिलता है किन्तु विदाई नहीं होता बल्कि हमेशा के लिए एक होकर राष्ट्र को आगे बढ़ाने के कार्य में सीखने- सिखाने के कार्य में अनवरत लगे रहते हैं और हर मोड़ पर एक दूसरे का सहयोग व मार्गदर्शन करते हैं.
साथ वन्देमातरम राष्ट्र गीत के 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी इतिहास और इसके देश के संघर्ष गाथा को भी अपने शब्दों में व्याख्या किए अंत में एक साथ राष्ट्र गीत वन्देमातरम गया गया , प्रसाद वितरण के साथ सभा समापन की घोषणा संस्था के शिक्षक के द्वारा किया गया.

इस अवसर पर नगर से श्री धनेश्वर शर्मा जी, सुशीला ठाकुर जी, श्रीमति केशर महंत जी , सुश्री पूजन चौहान जी, संस्था प्रबंधक श्री मनीष सर, प्राध्यापक श्री सुरेन्द्र राठीया , कु. सोनिया , कु. मुस्कान सिद्धकी , तुलसी धोबा, समस्त छात्र- छात्राओं एवं वरिष्ठ छात्र ओजस्वीता के साथ उपस्थित रहे और भारत माता एवं वन्देमातरम के जोश पूर्ण नारा से गगन को गुंजायमान कर दिए.